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निजधाम

                                                                                                      निजधाम वो है तू है , तू है वो है  वो है तू है, तू है वो है  ये है वो है, वो है ये है  ये है वो है, वो है तू है  ये ही तो वो है  वो ही तो ये है तू भी तो वो है  वो भी तो ये है  तू तेरा वो उसका  वो उसका ये सबका  ये तेरा तू तेरा  तू तेरा वो तेरा   ये सिखलाये तू समझे  तू समझे वो करवाए  वो करवाए ये जाने  तू तेरा है अनजाने  तू रोए उसको पाने  ये तो उसको लेके आये  तू ना अंदर ना बहार  यह देखे ये भी रोये  ये तड़पे तू ना समझे  तू ना समझे वो भी तड़पे  वो तो दया का सागर है  ये करुणा की छाया है  ये सिखलाये वो तेरे भीतर  तू पूछे जाऊं कैसे अंदर  वो तो अंदर मुस्कुराये है   ये उसका खेल खेले है  ये इसकी पगडण्डी  उसकी राह दिखाए है  तू जलाले अपना दीपक  चरणों के निशां ये छोड़े है  ये ही उसका मक़ाम पगले  तू वो को इसमें पाए है  ये तुज़मे और तू उसमे समाये है  कहा तू कहा वो कहा ये , सारे अंदर निजधाम है    -----------------------------------------------------------------विक्रम